हर्षदा स्कूल ऑफ़ डांस क्लास के नन्हें कलाकारों ने छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय स्तर के मंच में शानदार प्रस्तुति देकर अचलपुर के साथ महाराष्ट्र का गौरव बढ़ाया


बिलासपुर :— देश की सांगीतिक विरासत और विविधता को समेटे हुए, न्यूज़ हब इनसाइट केयर फाउंडेशन के तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की संगीत प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह आयोजन कृषि महाविद्यालय के सभागार में 2 अगस्त से 4 अगस्त तक चला।

यह कार्यक्रम भारतीय संगीत के विभिन्न रंगों को एक मंच पर लाने का अद्वितीय अवसर था, जिसमें मध्य प्रदेश एवं महारष्ट्र अचलपुर से आए कलाकारों ने अपनी कला का लोहा मनवाया। इस प्रतियोगिता ने संगीत के माध्यम से सांस्कृतिक एकता और भाईचारे की भावना को प्रोत्साहित किया।

समापन समारोह में मौजूद गणमान्य व्यक्तियों और संगीत प्रेमियों ने प्रतियोगिता की उच्च स्तर की प्रस्तुतियों की सराहना की।

न्यूज़ हब इनसाइट केयर फाउंडेशन के डायरेक्टर पंकज खण्डेलवाल ने बताया कि इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य भारतीय संगीत की विविधता को दर्शाना और विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों से आए कलाकारों को एक मंच प्रदान करना था। इस साल की प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र( अचलपुर, नागपुर) और मध्यप्रदेश के प्रतिभागी भी शामिल हुए, जिन्होंने अपनी विशेष शैली और अनूठी प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया।

प्रतियोगिता के दौरान, मंच पर बसी ऊर्जा और उत्साह ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। नागपुर, अचलपुर से आए नन्हें कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हुए संगीत की विविध शैलियों में प्रस्तुतियां दी। किसी ने पारंपरिक लोक संगीत प्रस्तुत किया, तो किसी ने आधुनिक धुनों से दर्शकों को आकर्षित किया। इन प्रस्तुतियों में शास्त्रीय, लोक, भजन, और फ्यूजन जैसे विभिन्न संगीत शैलियों का समावेश था, जो भारतीय संगीत की अद्वितीयता को दर्शाता है।

तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान, प्रमुख अतिथि विधायक अमर अग्रवाल, मस्तुरी विधायक दिलीप लहरिया एवं छत्तीसगढ़ी एक्ट्रेस दीक्षा जायसवाल ने प्रतियोगिता की सफलता की सराहना की और कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल प्रतिभाओं को पहचानने का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत बनाए रखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संगीत एक ऐसा माध्यम है जो लोगों को जोड़ने और एकता की भावना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस वर्ष की प्रतियोगिता में, निर्णायक मंडल में शामिल सितार वादक रमाकांत त्रिपाठी, नृत्य गुरु राखी राय और कथक गुरु तनुश्री चौहान ने प्रतिभागियों की प्रदर्शन की गहराई और गुणवत्ता की विशेष रूप से प्रशंसा की। निर्णायकों ने यह भी स्वीकार किया कि प्रत्येक कलाकार ने अपनी प्रस्तुतियों में अपनी पूरी मेहनत और समर्पण दिखाया, जिससे प्रतियोगिता की गुणवत्ता में इजाफा हुआ।

पंकज खण्डेलवाल ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं केवल एक मंच प्रदान करने का काम नहीं करतीं, बल्कि वे सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को भी बढ़ावा देती हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों, दर्शकों, और सिंगल्स के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

समारोह के दौरान, पुरस्कार वितरण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जहां उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कारों की घोषणा की गई। विजेताओं को उनके अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया, और उनके प्रयासों की सराहना की गई। इस प्रतियोगिता ने भारतीय संगीत के प्रति प्रेम और समर्पण को नया मुकाम दिया और आने वाले समय में इस प्रकार के आयोजनों की महत्वता को और बढ़ा दिया।

इस राष्ट्रीय स्तर की संगीत प्रतियोगिता ने न केवल प्रतिभा को मान्यता दी, बल्कि एकता और सांस्कृतिक समझ को भी बढ़ावा दिया। यह आयोजन भारतीय संगीत के समृद्ध इतिहास और उसकी विविधता को मनाने का एक शानदार तरीका था, और भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों के लिए उम्मीदों की किरण बनकर उभरा।

नाद मंजरी के फेस्टिवल आर्टिस्ट
इस प्रतियोगिता में फेस्टिवल आर्टिस्ट के रूप में महाराष्ट्र अचलपुर की नंदिनी स्वाति शर्मा(भरतनाट्यम), बिलासपुर के मास्टर विकास गोस्वामी(गजल), राधिका पाखी(कथक), रायपुर की आशना(कथक) दिल्लीवार, कोरबा के मास्टर प्रयन्त पांडे(तबला), सतना की सोनल वसानी, छाया वसानी, सुकृति सोनी,सारंगढ़ की धारित्री चौहान, प्रियंका चौहान, रायगढ़ की दिशा सिंह, रिद्धि दीवान, पलक देवांगन,भाटापारा के अजय मिंज(भरतनाट्यम) व नित्या खत्री(कथक) शामिल हुए

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