बिलासपुर :— गर्मी के बढ़ते प्रकोप के साथ बिलासपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहरा गया है। बेलतरा विधानसभा के दर्जनों गांवों में जलस्तर नीचे जाने से बोर, नल और मोटर पंप सूख गए हैं, जिससे ग्रामीणों को निस्तार के लिए पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत सचिवों की चल रही हड़ताल ने स्थिति को और विकट कर दिया है। इस बीच, जिला प्रशासन पर निष्क्रियता के आरोप लग रहे हैं।
कांग्रेस नेता और जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष अंकित गौरहा ने पेयजल संकट को लेकर प्रशासन की उदासीनता पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा, “दो सप्ताह से अधिक समय से सचिव हड़ताल पर हैं, जिसके चलते पंचायती राज व्यवस्था चरमरा गई है। जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहे, और प्रशासन ‘सुशासन तिहार’ में मस्त है। वैकल्पिक व्यवस्था के अभाव में ग्रामीणों का हाल बेहाल है।”
गौरहा ने बताया कि बेलतरा विधानसभा के सेमरा, भरारी, परसदा, सिघरी, पौसरा, बैमा, नगोई, डगनिया, खैरा, पेंडरवा, बांका, कोरबी, सीस सहित कई गांवों में पेयजल की गंभीर समस्या है। ग्रामीण अपनी क्षमता के अनुसार टैंकरों और दूरस्थ नलों से पानी लाकर जैसे-तैसे गुजारा कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
कांग्रेस नेता ने भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “भाजपा ने वादा किया था कि ग्राम पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाएगा, लेकिन यह वादा जुमला साबित हुआ। नाराज सचिव हड़ताल पर हैं, और इसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है। ‘मोदी गारंटी’ अब केवल नारा बनकर रह गया है।”
गौरहा ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने पेयजल संकट को गंभीरता से नहीं लिया, तो जनता के साथ मिलकर अधिकारियों का घेराव किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन से तत्काल वैकल्पिक व्यवस्थाएं करने और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की है।
उधर, ग्रामीणों का कहना है कि पानी की किल्लत के चलते दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है। प्रशासन की ओर से अभी तक कोई राहत कार्य शुरू नहीं हुआ है, जिससे लोगों में रोष बढ़ रहा है।