अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए पंजीयन एवं प्रमाणिकरण शुल्क निःशुल्क जिले को 882.50 हेक्टेयर का बीज उत्पादन लक्ष्य, कृषि विभाग ने की अपील

बिलासपुर // छत्तीसगढ़ शासन कृषि विभाग का एक उपक्रम छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा प्रत्येक वर्ष खरीफ मौसम में कृषकों को बीज उत्पादन कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर प्रदान कर अन्य किसानों की तुलना में प्रति एकड़ अधिक लाभ कमाने का मौका देता आ रहा है लेकिन इसकी जानकारी कुछ ही किसानों को होती है। पूर्व में बीज उत्पादन कार्यक्रम खरीफ की पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अगस्त .2025 निर्धारित की गई थी जिसमें शासन द्वारा किसानों के हित में बढ़ोत्तरी करते हुए पंजीयन की तिथि 15 सितम्बर 2025 तक बढ़ाई गई है। किसानो को अधिक लाभ पहुँचाने की दृष्टि से तथा जिले को बीज उत्पादन कार्यक्रम में आत्म निर्भर बनाने हेतु विभाग के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कर किसानों को जागरूक करने का कार्य तथा बीज उत्पादन कार्यक्रम में पंजीयन कराने हेतु लगातार क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों एवं बीज प्रक्रिया केन्द्र सेन्दरी के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है।
प्रमाणित बीज के उपयोग से पुराने बीज की तुलना में 10 से 15% अधिक उपज प्राप्त होता है. फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित बीज के उपयोग को बढ़ावा दिया जाता है। प्रदेश के किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार किस्मों का प्रमाणित बीज मुहैया कराने के लिए बीज निगम बीज उत्पादन कार्यक्रम आयोजित करता है। जिन किसानों के पास 2.5 एकड़ या इससे अधिक जमीन है वो छत्तीसगढ़ राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था में मामूली शुल्क देकर अपना पंजीयन करा सकते है। इसके लिए आपको अपने क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, विकासखण्ड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी तथा जिले के कार्यालय उप संचालक कृषि एवं बीज प्रकिया केंद्र में संपर्क करना होगा। बीज उत्पादन कैसे किया जाता है इसकी पूरी जानकारी बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों द्वारा दी जाती है। फसल कटने पर अपना बीज प्रक्रिया केंद्र में देने पर आपको एक सप्ताह में बीज की अग्रिम राशि दे दी जाती है जो कुल बीज की कीमत का लगभग 60% राशि है शेष 40% राशि बीज परीक्षण परिणाम आने पर दे दी जाती है।
पिछले खरीफ में धान मोटा किस्म की किसानों से बीज खरीदी दर 3043़$800 (बोनस)=3843 रुपये प्रति क्विंटल, धान पतला किस्म-3211़+800(बोनस) = 4011 रुपये प्रति क्विंटल, सुगंधित किस्म-3644+800(बोनस)=4444 रुपये प्रति क्विंटल थी। इस प्रकार, पिछले खरीफ में जिन किसानों ने बीज निगम में उत्पादन कार्यक्रम में हिस्सा लिया था उन्हें शासन द्वारा निर्धारित धान की खरीदी दर 3100/- प्रति क्विंटल की तुलना में मोटे किस्म की 743 रुपये प्रति क्विंटल अर्थात 15603 रुपए प्रति एकड़ अधिक मिले मतलब 1 हेक्टर वाले किसान को लगभग 40,000 रुपये अधिक मिले।
उप संचालक कृषि ने बतलाया कि इस वर्ष छ.ग. शासन कृषि विभाग द्वारा बीज उत्पादन प्रोत्साहन योजना लागू की गई है जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिला वर्ग के कृषकों को पंजीयन कराने हेतु शत्प्रतिशत् अनुदान दिया जावेगा तथा पंजीयन एवं प्रमाणिकरण शुल्क नहीं लगेगा। जिले को कुल 882.50 हे. का लक्ष्य बीज उत्पादन कार्यक्रम हेतु प्राप्त हुआ हैं।
कृषि उप संचालक श्री पीडी हथेश्वर ने जिले के सभी किसान भाइयों से अपील है कि वे खरीफ 2025 में बीज उत्पादन कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या एवं रकबा में पंजीयन करावें साथ ही बीज उत्पादन प्रोत्साहन योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिला वर्ग के कृषकों के लिए विशेष रूप से पंजीयन एवं प्रमाणिकरण निःशुल्क किया गया है।

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