बीच सड़क पर किया भोजन एसईसीएल के भूविस्थापित पिछले करीब 8 घंटे से कलेक्टर कार्यालय के गेट के सामने सड़क पर धरने पर बैठे है। इस आंदोलन में महिलाओं की संख्या अधिक है। 40-45 गांव से आए आंदोलनकारियों ने पास में ही भोजन बनाया और सड़क के बीच बैठकर खाना भी खाया। ये मार्मिक तस्वीर को देखने वाले राहगीर भी भावुक हो गए।
सड़क के बीच बैठकर भोजन करते ये एसईसीएल, भू विस्थापित लोग हैं। कुसमुंडा, गेवरा कोयला खदान से प्रभावित 300 से अधिक भूविस्थापितों ने अपनी जमीन गवां दी लेकिन अब भी अपने अधिकार से वंचित हैं। सालों बाद भी एसईसीएल ने न इन्हे नौकरी दी और ना ही मुआवजा। विस्थापन की मार झेल रहे भूविस्थापितों ने अब आर–पार को लड़ाई शुरू कर दी है। दोपहर के करीब 2 बजे आंदोलनकारियों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर दिया। बीच सड़क पर धरने पर बैठे है माहौल गरमाता देख प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और हड़ताल समाप्त करवाने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित महिलाओं ने उनकी एक न सुनी। आंदोलन को करीब 8 घंटे से अधिक हो गया हैं,मगर भूविस्थापित डटे हुए हैं। उन्होंने खुद पैसे एकत्र कर राशन व्यवस्था की। पास में भोजन बनाया और सड़क के बीचोबीच खाना खाया। ये पहला बार है कि जब कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने वाले आंदोलनकरियों ने करीब 8 घंटे तक आंदोलन जारी रखा और गेट के सामने ही भोजन किया हो ये पहला मौका है जब कलेक्ट्रेट को घेरने वाले आंदोलनकारियों ने देर शाम तक प्रदर्शन करने के साथ ही सड़क के बीचोबीच खाना खाया। ये तस्वीर देखकर इनकी तकलीफ को समझना मुश्किल नहीं है। बहरहाल ये तो साफ हो गया है भूविस्थापीत अब शांत होने वाले नही है। इनका आंदोलन अब और उग्र होने वाला है। देखना होगा कि सालो से गुमराह करने वाले एसईसीएल को इस आंदोलन का कोई असर पड़ता है या नही।